संगरूर के नए सांसद के बिगड़े बोल-भारतीय हुकूमत सिख कौम के साथ वैसा नहीं कर पाएगी जैसा वह मुसलमानों के साथ कर रही 

चंडीगढ़। पंजाब की संगरूर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के सिमरनजीत सिंह मान (Simranjit Singh Man) जीत गए। उन्होंने यहां आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सरपंच गुरमेल सिंह को 5822 वोटों से हराया। मान को 2,52,898 और गुरमेल सिंह को 2,46,828 वोट मिले।

चुनाव आयोग की ओर से जीत का औपचारिक ऐलान होने के बाद सिमरनजीत सिंह मान ने कहा कि यह उनकी पार्टी कार्यकर्ताओं और संत जरनैल सिंह भिंडरावाले की तालीम की जीत है।

ऑपरेशन ब्लू स्टार में अमृतसर स्थित गोल्डन टैंपल पर हमले और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के दंगों के बाद भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की नौकरी छोड़ देने वाले सिमरनजीत सिंह मान खालिस्तान मूवमेंट के समर्थक रहे हैं।
 

संगरूर उपचुनाव में अपनी जीत के बाद सिमरनजीत सिंह मान ने कहा कि दीप सिद्धू और सिद्धू मूसेवाला ने जो शहादत दी है, उसकी वजह से पूरी दुनिया में सिख कौम को फायदा हुआ है। अब भारतीय हुकूमत सिख कौम के साथ वैसा कुछ नहीं कर पाएगी जैसा वह मुसलमानों के साथ कर रही है।

संगरूर के नवनिर्वाचित सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने आरोप लगाया कि भारतीय हुकूमत मुसलमानों की मस्जिदें ढहा रही है, कश्मीर में जुल्म कर रही है। भारतीय फौज कश्मीरियों को मार देती है और उसकी कोई इंक्वायरी तक नहीं होती। झारखंड और छत्तीसगढ़ में रहने वाले आदिवासियों को माओवादी व नक्सली बताकर भारतीय हुकूमत सीधे गोली मार देती है।

सिमरनजीत सिंह मान ने कहा कि वह भारत के अगले राष्ट्रपति के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू, जो आदिवासी समुदाय से आती हैं, से मिलेंगे और मांग करेंगे कि नक्सलियों के साथ भारत सरकार की बातचीत शुरू करवाई जाए। आदिवासियों की सारी दुख-तकलीफ खत्म होनी चाहिए।

संगरूर में सिमरनजीत मान की जीत के साथ ही पंजाब के सीएम भगवंत मान का किला ढह गया। भगवंत मान लगातार 2 बार संगरूर से लोकसभा चुनाव जीते मगर पंजाब का मुख्यमंत्री बनने के महज 3 महीने के अंदर हुए इस उपचुनाव में ्र्रक्क को जीत नहीं दिला सके। इस हार के बाद अब लोकसभा में आम आदमी पार्टी का कोई सांसद नहीं रह गया।


संगरूर सीट पर इस बार 31 साल का सबसे कम 45.50त्न मतदान हुआ। इससे पहले 1991 में यहां महज 10.9त्न वोटिंग हुई थी। कम मतदान के बाद से ही यहां नेताओं की चिंता बढ़ी हुई थी। जब भगवंत मान लगातार 2 बार संगरूर से जीते तो 2014 में यहां 77.21 प्रतिशत और 2019 में 72.40 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार कम मतदान से स्पष्ट हो गया कि सरकार चला रही आम आदमी पार्टी के प्रति लोग नाराज थे।

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