Mulayam Singh 's Funeral Will Be Held in Saifai


Mulayam Singh Yadav Funeral : समाजवादी पार्टी के संस्थापक, संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का आज उनके पैतृक गांव सैफई में अंतिम संस्कार किया जाएगा. उनका पार्थिव शरीर सोमवार की शाम इटावा जिला स्थित सैफई गांव लाया गया. जहां लोग अपने चहेते नेताजी का अंतिम दर्शन करने के लिए राज्य के कोने-कोने से उमड़ रहे हैं. सुबह 10 बजे के करीब नेताजी का पार्थिव शरीर सैफई में पंडाल में रखा जाएगा ताकि आमजन उनका अंतिम दर्शन कर सकें.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

दोपहर 2 बजे मुलायम सिंह यादव का पार्थिव शरीर सैफई के श्मसान घाट ले जाया जाएगा. उसके बाद 3 बजे पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. राज्य सरकार ने उनके निधन पर तीन दिनों का राजकीय शोक घोषित किया है.

मुलायम सिंह के अंतिम संस्कार में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत आधा दर्जन से ज्यादा राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे. केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मुलायम सिंह को श्रद्धांजलि देने सैफई जा रहे हैं.

इनके अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी सैफई जाएंगे.

संभावना है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ भी मुलायम सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे.

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार भी बेटी सुप्रिया सुले के साथ अंतिम संस्कार में शामिल होकर मुलायम सिंह को श्रद्धांजलि देने आ रहे हैं. आप नेता संजय सिंह भी इस मौके पर सैफई में होंगे.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल नेताजी के निधन पर मुलायम सिंह यादव को याद किया और कहा- 'मुलायम सिंह से मेरा विशेष नाता था. हम जब भी मिलते थे तो अपनत्व का भाव रहता. उनका आशीर्वाद और सलाह आज भी मेरी अमानत हैं.'

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी मुलायम सिंह यादव के निधन पर शोक जताया है. अपने शोक संदेश में सोनिया गांधी ने कहा, "मुलायम सिंह यादव के निधन की ख़बर सुनकर दुखी हूं. समाजवादी विचारों की एक मुखर आवाज़ आज मौन हो गई. देश के रक्षा मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में मुलायम सिंह का योगदान सदा अविस्मरणीय रहेगा. उससे कहीं ज़्यादा, शोषितों और वंचितों के लिए उनका योगदान सदैव याद किया जाएगा."

अपनी युवावस्था में पहलवान रहे 82 वर्षीय यादव का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में कल (सोमवार, 10 अक्टूबर) निधन हो गया था. उत्तर प्रदेश के इटावा स्थित सैफई में 22 नवंबर 1939 को जन्मे यादव का कुनबा देश के सबसे प्रमुख राजनीतिक खानदानों में गिना जाता है.

मुलायम सिंह यादव 10 बार विधायक और सात बार सांसद रहे. वह वर्ष 1989 से 1991, 1993 से 1995 और 2003 से 2007 तक तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और 1996 से 98 तक देश के रक्षा मंत्री भी रहे. एक वक्त वह देश के प्रधानमंत्री पद के दावेदार भी माने गए थे.

यादव कई दशकों तक एक राष्ट्रीय नेता के तौर पर स्थापित रहे लेकिन उनका सियासी अखाड़ा मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश ही रहा. यहीं से उनकी राजनीति निखरी और समाजवाद के प्रणेता राम मनोहर लोहिया से प्रभावित होकर उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करते हुए उत्तर प्रदेश में सत्ता के शीर्ष को छुआ.

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